गुलाब देशमुख @ छत्तीसगढ़
सोशल मीडिया में बीजेपी भारी कांग्रेस से कहीं आगे
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है युद्ध स्तर पर कांग्रेस और बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है। बात हम छत्तीसगढ़ की करते हैं यहां सोशल मीडिया कैंपेन में भाजपा भारी पड़ रही है।
वैसे भारतीय जनता पार्टी 400 पार का नारा दे चुकी है और लगातार सोसल मीडिया आईटी सेल इस काम में लगी हुई है।
पहले जमाने में लोग डोर टू डोर जनसंपर्क का सहारा लेते थे लेकिन सोशल मीडिया और आईटी सेक्टर के विभिन्न तरीकों से लोगों को रिझाने, बरगलाने से लेकर एक ही झूठ को कई बार दिखाने का काम सोशल मीडिया आईटी सेल के माध्यम से राजनीतिक दल करते हैं और उसे सच साबित कर देते हैं।
देश की आधी आबादी कई झूठ को भी सच मान लेती है जिसे बार-बार सोशल मीडिया में दिखाया जाता है उसके तर्क भी प्रस्तुत किए जाते हैं भले ही तर्क किसी भी कसौटी पर खरे न उतरे लेकिन लोगों के दिमाग में जरूर उतर जाता है।
भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया और आईटी सेल के सेक्टर में बहुत ज्यादा आगे है। प्रधानमंत्री मोदी के 2014 चुनाव में आईटी सेक्टर का बड़ा योगदान रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय 2014 के लोकसभा में सोशल मीडिया का बखूबी प्रयोग किया गया और यह प्रयोग आज फल फूल रहा है।
मीडिया इनफ्लुएंसर बिगाड़ रहे दलों का खेल
राजनीतिक दलों की पहुंच अब सीधे-सीधे उन लोगों तक हो रही है जिनके सोशल मीडिया में कई फॉलोअर्स हैं जिन्हें लोग पसंद करते हैं उनको राजनीतिक पार्टी टारगेट कर रही है और उनके सहारे नैया पार लगाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कई चर्चित चेहरे अपने फॉलोअर्स, सब्सक्राइबर्स की एवज में चार्ज भी करते हैं जो की राजनीतिक दलों के लिए अच्छा काम कर जाती है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कई इनफ्लुएंसर्स इस तरीके के काम में लगे थे और इसका फायदा भी भारतीय जनता पार्टी को मिला।
इनफ्लूएंसर्स द्वारा कार्टून मिम्स, रील्स, और वीडियो बनाकर वायरल कराने का ट्रेंड चलता है और इस ट्रेंड में किसकी सरकार बन जाएगी और किसकी सरकार गिर जाएगी कुछ नहीं कहा जा सकता।
बीजेपी के फॉलोअर्स सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में ज्यादा*
भारत में ऐसा पहली बार हुआ की देश के प्रधानमंत्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा सक्रिय हैं वह भले मीडिया को इंटरव्यू और सवालों का जवाब नहीं देते हो लेकिन सोशल मीडिया में उनकी सारी चीज आ जाती है, दरअसल में भाजपा को आज के समय में मीडिया की आवश्यकता ही नहीं है। अपने कामों को दिखाने के लिए आज के समय सोशल मीडिया बेहद ही आसान तरीका है। PM मोदी के आज फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में लाखों करोड़ों सब्सक्राइबर मौजूद हैं जिसे आज लोकप्रियता के पैमाने पर देखा जाता है। और आज के समय में लोग इसी के पीछे दीवाने भी हैं।CG Congress के पास मात्र 3 लाख फॉलोअर्स है जबकि
छत्तीसगढ़ बीजेपी के फेसबुक में 1.5 मिलियन फॉलोअर है ,इसी ग्रुप से भाजपा के कार्यकर्ताओं, समर्थकों को आसानी से मटेरियल उपलब्ध होता है और उसे व्हाट्सएप ,इंस्टाग्राम आदि में डालकर वायरल कर लिया जाता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 5 साल सरकार रहने के बावजूद इस फील्ड पर काम नहीं किया गया।
अब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर का बखूबी इस्तेमाल कैसे किया जाए यह भारतीय जनता पार्टी जानती है
और इसका ही कमाल है की छत्तीसगढ़ में सरकार भी बीजेपी की बनी। छत्तीसगढ़ में तात्कालिक कांग्रेस सरकार के विरुद्ध जिस तरीके से ग्राफिक डिजाइनिंग, कार्टून, मीम्स ,रील्स बने और अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भाजपा ने हायर किया और उन पेज को सपोर्ट भी किया गया परिणाम यह रहा कि कांग्रेस की सरकार पलट गई।
अभी लोकसभा में और होना है
जिस चिंतामणि महाराज को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है उसे कांग्रेस में पहले कोई नहीं जानता था लेकिन आप उसके सोशल मीडिया पेज में जाकर देख सकते हैं कि उनके कितने फॉलोअर मौजूद हैं।
दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल सोशल मीडिया में सक्रिय नहीं रहते लेकिन उनके फेसबुक पेज में 1 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और यह सब कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की आईटी सेल ने यह सब कमाल कर दिखाया।
कांग्रेस को बेहद जरूरत
कांग्रेस के पास वर्तमान में कैडर नही बचा है ना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में सक्रियता है। X में INC INDIA नामक पेज कांग्रेस चलाती है और इसमें राहुल गांधी के न्याय यात्रा कवरेज होती रही। लेकिन विवादित कंटेंट को बीजेपी उठाती है और उसे बार-बार अलग-अलग प्लेटफार्म पर चलाती है। ‘शक्ति विवाद’ भी उसी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ के Ex CM भूपेश बघेल के पास 1 मिलियन फॉलोअर हैं। उनके चलाए गए रील भी खूब वायरल होते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के पास फॉलोअर्स की कमी है या कह सकते हैं कि जिनके पास है वह कोई कमाल का नहीं है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सभी विधायकों का एफबी पेज आप जाकर देख सकते हैं सब में आपको हजारों,लाखों फॉलोअर मिलेंगे लेकिन वहीं कांग्रेस के विधायकों का फॉलोअर रेटिंग कम से कम है। यही कारण है कि लोगों तक जो बातें पहुंचनी चाहिए वह सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं पहुंच रही है जबकि युवावर्ग जो है सोशल मीडिया में ही ज्यादा सक्रिय है।
बहरहाल अब डोर टू डोर जनसंपर्क का जमाना चला गया है जो जितना वायरल होता है वही आज के डेट में सही है। बीजेपी के कंटेंट क्रिएटर्स लोगों का दिल जीत ले रही है इसी का परिणाम है कि युवा वर्ग बीजेपी से ज्यादा प्रभावित है। जिसका परिणाम चुनाव में दिखता ही है।