गुलाब देशमुख @ दुर्ग

लोक निर्माण विभाग द्वारा अंडा से चिंगरी होते हुए आलबरस रोड निर्माण में अतिक्रमण धारियों को नोटिस तामिल करते हुए नायब तहसीलदार सत्येंद्र शुक्ला ने आने गुरुवार तक कब्जा हटाने कहा है।
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग द्वारा
खसरा नं (रकबा) 45 (1.3300 हे.) , 174 (1.5700 हे.) , 449 (0.9600 हे.) , 569 (0.4100 हे.) , 682 (0.0800 हे.) , 718 (0.3200 हे.) , 763 (0.3100 हे.) , 777 (0.4300 हे.) , 847 (0.0100 हे.) , 139 (0.0800 हे.) , की शिकायत नायब तहसीलदार के पास की गई थी जिस पर दिनांक 22 मई को गांव में गिरधर बंजारे, कामता साहू सहित अन्य लोगों के कब्जा किए गए मकान को तोड़ने के लिए नायब तहसीलदार की उपस्थिति में अंडा पुलिस थाना के प्रभारी अंबिका ध्रुव की टीम व लोक निर्माण विभाग के सब इंजीनियर एवं राजस्व विभाग के पटवारी सहित अन्य लोगों की उपस्थिति में कब्जा धारियों को समझाइश देते हुए 2 दिनों की मोहलत दी है इस बीच ग्रामीणों व तहसीलदार के बीच बहस भी हुई। जिसके बाद गुरुवार को आकर कब्जा हटाया जाएगा।
कोटवार की जमीन नहीं तोड़ेगी पीडब्ल्यूडी
कब्जाधारी ग्रामीणों की आपत्ति मौखिक होने पर आपत्ति को मानी नहीं जा रही है जिसकी वजह से कब्जा वाले मकान को तोड़ा जाना है जो सड़क निर्माण के दायरे में आ रहे हैं। विदित हो कि कोटवार की जमीन भी उसी रोड निर्माण के साथ में आ रही है लेकिन प्राप्त जानकारी अनुसार कोटवार के द्वारा लिखित आपत्ति होने पर जमीन को खाली नहीं कराया जा रहा है अर्थात मकान नहीं तोड़ा जाएगा जबकि ग्रामीणों के अनुसार वह जगह लगभग कब्जे का है। जिससे ग्रामीणों में शासन के प्रति रोष पैदा हो रहा है।
आम व्यक्ति की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं सरकारी विभाग ने की जब शिकायत तो कार्रवाई
कुछ दिन पहले ग्राम चिंगरी की आबादी जमीन में अवैध तरीके से एक रसूखदार व्यक्ति द्वारा भी कब्जा किया गया है जिसकी शिकायत पर अंडा सर्कल के नायब तहसीलदार रहे योगेंद्र वर्मा ने कब्जा खाली कराने का आदेश दिया था उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। उसके लिए नायाब तहसीलदार इस तरह से गांव में नहीं पहुंचे।
लेकिन जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी रोड निर्माण प्रभावितों के विरुद्ध शिकायत कर रहे हैं तो उस पर कार्रवाई हो रही है यह दोहरा मापदंड आखिर क्यों अपनाया जा रहा है ऐसे सवाल ग्रामीणों के मन में भी है।
पट्टे और लगानी की जमीन में मुआवजे का प्रावधान
विदित हो कि राज्य शासन द्वारा बनाए जा रहे इस सड़क को साढ़े 5 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। इसके दायरे में आने वाले पट्टे धारी एवं लगानी जमीन मालिकों को शासन के अनुसार मौजूदा प्रावधान है। लेकिन जिन लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा किया है उनका कोई क्षतिपूर्ति नहीं दिया जा सकेगा।
