- दुर्ग ग्रामीण में भाजपा के तामझाम से ज्यादा कांग्रेस की अंदरूनी पकड़ से ताम्रध्वज साहू का पलड़ा अभी भी भारी
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा की फिजा अब बदलने लगी है ललित चंद्राकर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के लिए माहौल तगड़ा हो रहा था लेकिन संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं की उपेक्षा उनके लिए घातक साबित हो सकता है हालाकि उनके द्वारा लगातार जनसंपर्क साधा जा रहा है लेकिन कर्मठ कार्यकर्ताओं को छोड़कर डायरेक्ट मतदाताओं से मिलना भाजपा के लिए यहां नुकसानदायक हो सकता है। पूरे प्रदेश में कहीं ना कहीं किसानों के कर्ज माफी ने कांग्रेस के लहर को अभी भी बरकरार रखा है। कांग्रेस प्रत्याशी और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का पलड़ा इस लिहाज से अभी भी भारी माना जा रहा है। अंतिम समय में दुर्ग ग्रामीण के चुनावी समंदर में ओवर कॉन्फिडेंस के हिमशिखर से टकराकर भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर कि टाइटैनिक कहीं डूब ना जाए।
अभी से ओवर कॉन्फिडेंस में आ गई है भाजपा
आपको बता दें कि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के विरुद्ध एंटी इनकमबेंसी का माहौल पहले बन चुका था जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी ललित चंद्राकर ने लगातार चुनावी प्रचार में अपनी ताकते झोंकने के बाद अभी भी अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं से सामंजस्य नहीं बना पाए जिसका परिणाम अंतिम समय में कांग्रेस की ओर झुकता हुआ नजर आ रहा है। सभी तरफ से भाजपा के लिए खुशखबरी आ रही है, उन्हें कई जगह से रिपोर्ट पॉजिटिव मिल रही है जिसके चलते पार्टी और प्रत्याशी ओवर कॉन्फिडेंस में आ गई है। लेकिन कांग्रेस सरकार की योजनाओं क्षेत्र में हुए विकास को लेकर कांग्रेस अब एकजुट हो रहे हैं कार्यकर्ताओं की नाराजगी को लगभग खत्म कर लिया गया है जिसके चलते यकायक ताम्रध्वज साहू के ग्राफ में फिलहाल तेजी से वृद्धि हुई है।
बहरहाल क्षेत्र में यह चर्चित है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बननी तय है तो विधायक भाजपा का रहेगा तो विकास कैसे होगा? जिसके चलते लोगों का मन अब बदल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कांग्रेस के रीती नीतियों का दबदबा है सामाजिक सरोकार से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में जो काम हुए हैं उसको लोग देख रहे है। अब देखना यहां होगा कि क्या कांग्रेस पार्टी वोटिंग तक इस रुझान को बना पाती है यह कांग्रेस के लिए बड़ा चैलेंज भी है।