मध्यप्रदेश में अब लोक सभा चुनावों के पहले 4 हजार 531 प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव होंगे। लंबे समय के बाद ये चुनाव कराए जा रहे हैं और ये चुनाव चार चरणों में कराए जाएंगे। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एमबी ओझा ने आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयन से जानकारी मांगी है।
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एमबी ओझा ने सभी जिलों के सहकारी अधिकारियों से सात दिन के भीतर सदस्यता सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले सभी प्राथमिक साख सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने के निर्देश दिए है। प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को हाईकोर्ट के आदेश से अवगत करा दिया है। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 10 मार्च 2019 से लगी थी।
ऐसे में दस मार्च से पहले चुनाव कराना होगा। छतरपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में करुणेन्द्र सिंह को राज्य सरकार ने एक आदेश से अध्यक्ष बना दिया था। इसको लेकर अदालत में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि अपात्र व्यक्ति को बैंक का अध्यक्ष बनाया गया है सिंगल बैंच ने नियुक्ति अमान्य कर दी थी शासन ने डबल बैंच में अपील की थी इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी प्राथमिक साख सहकारी संमितियों के चुनाव कराने के निर्देश दिए है।
जिला अधिकारियों को स्वतंत्रता
चुनाव प्रस्ताव के अनुसार प्रथम, द्वितीय, तृतीय चरण में विकासखंड बार संस्थाएं सम्मिलित करने की स्वतंत्रता जिला अधिकारियों को होगी। वह जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सहकारी संस्थाओं का चयन करेंगे।