गुलाब @ अंजोरा
दिनांक 23 सितंबर 2022 को सेमिनार हॉल पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना(पी.एम.एम.एस.वाई) के अंतर्गत “मछली किसान उत्पादक संगठन द्वारा मछली फिड व्यापार” पर जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन लिनाक क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (आर.टी.सी.) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, रायपुर और मत्स्य विभाग एडीएच एंड एफ मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा किया गया। डॉ.एस.पी.इंगोले कार्यवाहक कुलपति, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं पद्मश्री पुरस्कार विजेता श्रीमती फूलबासन बाई यादव उक्त कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे । अन्य गणमान्य व्यक्तियों में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने, निदेशक विस्तार शिक्षण डॉ संजय शाक्य, अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी, स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद मत्स्य पालन महाविद्यालय कवर्धा के अधिष्ठाता डॉ.जी.के.दत्ता, सीनियर साइंटिस्ट डॉ.विकास खुणे, कृषि विज्ञान केंद्र, अंजोरा, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ दिलीप चौधरी ,श्री कैलाश कुमार कौशिक क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम रायपुर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह राज्य में पी.एम.एम.एस.वाई के केंद्रीय क्षेत्र घटक के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा आयोजित तीसरा जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम था। कार्यक्रम में 90 से अधिक प्रतिभागियों मुख्य रूप से मछुआरे/मछुआरा महिलाओं ने भाग लिया। डॉ.एस.पी.इंगोले कार्यवाहक, कुलपति दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग ने मत्स्य बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार सृजन और किसानों की आय बढ़ाने की बहुत बड़ी संभावना है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इसमें छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है। उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफ.एफ.पी.ओ.) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इसके अलावा उन्होंने राज्य में सहकारी क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की प्रशंसा की। पद्मश्री पुरस्कार विजेता श्रीमती फूलबासन बाई यादव जी ने कहा कि मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफ.एफ.पी.ओ.)से जुड़कर मत्स्य पालन करने वाले सभी मछुआ भाई/बहन इस योजना का लाभ ले सकते हैं, यह योजना उनके जीवन शैली और उनके आय के साधन में वृद्धि करने में बहुत ही व्यापक भूमिका निभा सकती है, जिस प्रकार हमने एक छोटी सी पहल से अपने समिति को बनाया और आगे ले गए ठीक उसी प्रकार इस योजना से लाभ लेकर मछुआ भाई/बहन (एफ.एफ.पी.ओ.) को राष्ट्रीय स्तर तक ले जा सकते हैं। डॉ.एस.के. शाक्य निदेशक विस्तार शिक्षा ने मत्स्य पालन के क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसान उत्पादक संगठन(एफ.एफ.पी.ओ.) की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहा कि आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निश्चित तौर पर एफ.एफ.पी.ओ. योजना को बहुत आगे लेकर जाएगा और इसमें जिन विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है वह बहुत ही व्यापक है तथा एफ.एफ.पी.ओ. योजना को सार्थक बनाएगा। श्री कैलाश कुमार कौशिक, क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, रायपुर द्वारा मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की भूमिका और पी.एम.एम.एस.वाई के तहत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की भूमिका पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के वित्त पोषण पैटर्न को भी साझा किया और प्रतिभागियों की समितियों से पी.एम.एम. एस.वाई. के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध किया तथा इच्छुक मत्स्य किसानों को एफ.एफ.पी.ओ. निर्माण करने हेतु प्रोत्साहित किया। क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, रायपुर ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। डॉ.जे.के. जाखड़ सहा.प्राध्यापक स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद मत्स्य पालन महाविद्यालय, कवर्धा के द्वारा मछली फीड व्यवसाय-सहकारितायों के लिए एक व्यवहार्य व्यापार एवं मछली के बीज बनाने में काम आने वाली तकनीकी आहार एवं इकोनॉमिक्स विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई । इसके उपरांत डॉ.कमलेश पंडा सहा.प्राध्यापक, स्व.श्री पुनाराम निषाद मत्स्य पालन महाविद्यालय, कवर्धा के द्वारा मछली फीड के मूल्य निर्धारण, ब्रीडिंग और विपणन, सहकारी समितियों द्वारा मत्स्य फीड व्यापार हेतु पी.एम.एम.एस.वाय. एवं एन.सी.डी.सी. की योजनाऐं के विषय पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन तथा कार्यक्रम का समापन माननीय मुख्य अतिथि और कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को श्री सुभाष कुमार वर्मा सहायक निदेशक राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम रायपुर के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर किया गया।