बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बयान दिया है कि शराब पेय पदार्थ है. आवश्यकता अनुसार इसका सेवन फायदेमंद होता है. यह बात हम बार-बार बहुत पहले से कह रहे हैं. खासकर के गांव के गरीब लोग होते हैं काफी मेहनत करते हैं, उनको एक लिमिट मात्रा में शराब की आवश्यकता होती है. यह सदा हम कहते रहे और इसी को कहते हैं तो लोग कहते हैं कि माझी जी कहते हैं शराब थोड़ी-थोड़ी पिया करो. आज हम गुजरात सरकार को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने शराब को एक संस्था के माध्यम से खुला छोड़ दिया है, क्यो की शराब सेवन करने वाले लोग बाहर जा रहे हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल उठाया है। मांझी ने कहा कि शराब एक पेय पदार्थ है और आवश्यकता अनुसार शराब फायदेमंद भी होता है। यह बात हम बार-बार कहते आ रहे हैं। मांझी ने कहा कि खासकर शराब उन लोगों के लिए जरूरी है, जो काम करते हैं, मजदूरी करते हैं। उनको एक लिमिट मात्रा में शराब की आवश्यकता होती हैं, जब हम इस बात को कहते हैं तो लोग हमारी बातों का उल्टा अर्थ निकालते हैं।
“सरकार भले ही दावा कर रही कि…”
मांझी ने कहा कि गुजरात में आज राज्य सरकार ने गिफ्ट के नाम पर शराब को खुला छोड़ा है, इसलिए गुजरात सरकार को हम धन्यवाद देना चाहते हैं कि जो भी पर्यटन उस राज्य में जाते हैं, उन्हें शराब सेवन करने की अनुमति रहती है। हमारे यहां आप यदि पर्यटन डैमेज किया है तो वह शराबबंदी के कारण। हमारे बिहार में आज शराबबंदी नहीं होता तो पर्यटकों की संख्या अधिक होती। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही दावा कर रही है कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है, वह इजाफा सिर्फ कागजों पर ही सीमित है। गया में जितने विदेशी पर्यटक आ रहे हैं, शाम को एक भी पर्यटक गया में नहीं रख रहे हैं। शराब के लिए या तो उन्हें यूपी बनारस जाना पड़ता है या फिर झारखंड के हजारीबाग या पश्चिम बंगाल चले जाते हैं।
“गुजरात मॉडल के तर्ज पर बिहार में होनी चाहिए शराबबंदी”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बिहार में शराबबंदी नहीं होता और यह शराब मिलता तो पर्यटक यहां रुकते और सरकार को रेवेन्यू का फायदा होता। जीतन राम मांझी ने कहा कि गुजरात मॉडल के तर्ज पर बिहार में शराबबंदी होनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार को गुजरात सरकार से सीख लेनी चाहिए ताकि बिहार को शराबबंदी से रेवेन्यू का नुकसान ना हो।