
ग्राम रिसामा में 21 जुलाई 2025, सोमवार को आयोजित हुई भव्य कांवर यात्रा महोत्सव 2025 ने भक्ति, सेवा और संस्कृति का ऐसा अनुपम दृश्य प्रस्तुत किया, जो लंबे समय तक क्षेत्रवासियों के स्मृति में रहेगा। यह यात्रा प्रातः 8 बजे शीतला प्रांगण से विधिवत पूजा-अर्चना एवं जल भरने के साथ प्रारंभ हुई। गंतव्य स्थल चंगोरी घाट स्थित प्राचीन शिव मंदिर तक की यह यात्रा लगभग 16 किलोमीटर की रही, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
भक्ति और उमंग से सराबोर रहा वातावरण
यात्रा में “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष से आसमान गूंज उठा। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। यात्रा मार्ग में भक्ति गीतों की भक्ति ध्वनि, भगवा वेशभूषा, तिरंगा व कांवर ध्वज यात्रा ने पूरे माहौल को श्रद्धा और देशभक्ति से सराबोर कर दिया।
महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
इस वर्ष की यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं की सहभागिता देखी गई, जिन्होंने उत्साह के साथ डांडिया, नृत्य, एवं सेवा कार्यों में सहभागिता दी। श्रद्धालु युवाओं ने “शिव भक्त सेवा दल” और “कांवर सेवा समिति” के माध्यम से जलपान, प्राथमिक उपचार, छायादार विश्राम स्थल और ट्रैफिक नियंत्रण जैसे कार्यों में भी भाग लिया।
सेवा और समर्पण का संदेश
पूरे यात्रा मार्ग पर जगह-जगह फलाहार, नींबू पानी, छाछ व जलपान की नि:शुल्क व्यवस्था स्थानीय लोगों एवं सेवा समितियों द्वारा की गई। सेवा भाव की भावना ने इस यात्रा को न सिर्फ धार्मिक आयोजन, बल्कि एक सामाजिक समरसता का पर्व बना दिया।
चंगोरी घाट पर महाआरती व भंडारा
गंतव्य पर पहुंचने के पश्चात सभी कांवरियों का स्वागत पुष्पवर्षा और आरती के साथ किया गया। तत्पश्चात शिव महाआरती और विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
आयोजन समिति और नेतृत्व
इस भव्य आयोजन की सफलता के पीछे एकजुटता और समर्पित कार्य का बड़ा योगदान रहा।
आयोजन मंडल में प्रमुख रूप से सन्तोष साहू, अजय साहू, पंकज पाण्डेय,गितेश्वर साहू, कमल साहू, कीर्तन साहू, हेमु साहू , सागर, कान्हा पाण्डेय, केजुराम, मंशा क्षत्रिय, विक्की साहू, एवं अन्य शिवभक्तों की सक्रिय भूमिका रही।
मुख्य प्रेरणा स्रोत रहे जनपद सदस्य एवं युवा किसान नेता श्री ढालेश साहू, जिनकी सतत प्रेरणा और मार्गदर्शन से यह आयोजन संभव हो सका।
जनपद सदस्य ढालेश साहू का बयान
“कांवर यात्रा हमारे समाज की आस्था, एकता और ऊर्जा का प्रतीक है। इसमें न जात-पात की दीवार रहती है, न अमीरी-गरीबी का भेद। यह यात्रा श्रम, सेवा, श्रद्धा और शिवभक्ति का साक्षात उदाहरण है। मैं सभी सहयोगियों और ग्रामवासियों को हृदय से धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इसे ऐतिहासिक आयोजन बना दिया।”
यह आयोजन सिर्फ कांवर यात्रा नहीं, अपितु ग्रामीण युवाओं की धार्मिक चेतना, महिला भागीदारी और सामाजिक समरसता का एक आदर्श उदाहरण बन गया।