Gulab @ Durg
चुनाव की सरगर्मियां तेज है। इस बीच दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने कुर्मी समाज से ललित चंद्राकर तो वहीं साहू समाज से कांग्रेस ने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को उम्मीदवार बनाया है। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवार जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि क्षेत्र में दिल्लीवार कुर्मी समाज का बड़ा दबदबा है, इस बार भी भाजपा या कांग्रेस से टिकट की उम्मीद में समाज बाट जोह रहा था।
वैसे कांग्रेस पार्टी से सिटिंग विधायक और प्रदेश के मंत्री गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू थे तो कांग्रेस से यहां संभावना कम ही थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी से कई दावेदार सामने आ रहे थे लेकिन उन पर विराम लग गया जब ललित चंद्राकर की घोषणा हुई।
जनपद, जिले में रहता है सामाजिक दबदबा
राजनीतिक पंडित बताते हैं कि क्षेत्र में चंद्राकर और दिल्लीवार दोनों कुर्मी समाज के फिरके हैं लेकिन राजनीतिक तौर पर अलग ही माहौल रहता है पंचायती राज में जनपद, जिला पंचायत जैसे चुनाव में इन दोनों फिरको से भारी उम्मीदवार सामने आते रहे हैं और एक दूसरे से भिड़ने की परंपरा रही है।
जनपद या जिला पंचायत दुर्ग में बीते कई दशकों से इस जाति समाज का वर्चस्व रहा है जनपद अध्यक्ष या जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे पदों में दिल्लीवार समाज का ही दबदबा रहा है।
इस बार भारतीय जनता पार्टी के ललित चंद्राकर को सामाजिक रूप से सपोर्ट करने की बातें सामने आ रही है लेकिन इस पर संशय भी है जिसको देखते हुए दिल्लीवार समाज के वोटो का ध्रुवीकरण करने के लिए लगातार राजनीतिक उठापटक चल रहा है।
पिछली बार चुम्मन देशमुख ने आजमाया था अपनी किस्मत
आपको बता दें कि पिछली बार भिलाई निगम के पार्षद रहे रिसाली क्षेत्र के चुम्मन देशमुख ने ताला चाबी छाप पर जमकर प्रचार किया ऐसा लग रहा था जैसे समाज उसे सपोर्ट कर रहा है लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली जमीन पर वे लगभग 3000 वोटो के आंकड़े से ऊपर नहीं हो पाए। इस दौरान कांग्रेस के ही एक नेता के ऊपर उन्हें चुनाव में खड़े कराने का आरोप लगता रहा लेकिन यह प्रमाणित नहीं हो पाया ना ही हम इसकी पुष्टि करते हैं।
इस बार भी दिल्लीवार कुर्मी समाज से बली का बकरा बनाने के लिए एक नेता द्वारा कैंडिडेट तलाशा जा रहा है ताकि दिल्लीवार समाज के बगावती दावेदारों के जरिए अपनी राजनीतिक रोटी सेक ली जाए। और आने वाले समय में भी समाज में टूट है इसका संदेश आगामी विधानसभाओं तक राष्ट्रीय पार्टियों में जाता रहे। समाज के दावेदार केवल पंचायती चुनाव तक सिमट कर रह जाए इसके लिए भी एक बड़े नेता लगातार कुछ क्षेत्रीय पार्टियों से संपर्क बनाए हुए हैं। राजनीतिक पंडितों की माने तो दिल्लीवार समाज से राष्ट्रीय पार्टियां टिकट देना चाहती हैं लेकिन कई चुनाव में निर्दलीय दावेदारी के कारण लगातार गलत संदेश जा रहा है। जिसके कारण विधानसभा में समाज से कोई विधायक नहीं पहुंच पा रहा है अंततः दुर्ग ग्रामीण में कोई न कोई बली का बकरा की तलाश खबर लिखे जाने तक जारी है।
पिछले चुनाव में बालमुकुंद और जागेश्वर नाम के दो दो कैंडिडेट
2018 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी जागेश्वर साहू के अतिरिक्त एक और जागेश्वर कुमार साहू निर्दलीय चुनाव में थे वही जनता जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी बालमुकुंद देवांगन के अलावा एक और व्यक्ति इसी नाम से चुनाव में शामिल थे। उस चुनाव में तात्कालिक सांसद ताम्रध्वज साहू को 27000 वोट से विजय हासिल हुई थी, जबकि ताम्रध्वज नाम से कोई भी अन्य व्यक्ति इस चुनाव में शामिल नहीं था।