
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन के सांकरा में 21 मई को भरोसे का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसके चलते सरकारी कामकाज बाधित हो रहा है अब प्रशासन, शासन के आगे नतमस्तक होकर भरोसे के सम्मेलन को सफल बनाने में जुटी है तो वही सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आवेदको को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल में जनपद पंचायत में जानकारी के लिए लगाए गए आवेदन पर जानकारी प्राप्त नहीं होने पर आवेदक द्वारा जिला पंचायत में प्रथम अपील किया गया था जिसमें परियोजना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी लवकेश ध्रुव द्वारा 18 मई को 3 बजे आवेदक को बुलाया गया था। जिसके बाद आवेदक द्वारा कार्यालय में सूचना दी गई तब प्रथम अपीलीय अधिकारी पाटन के सांकरा में होने वाले भरोसे के सम्मेलन में जुटे हुए थे।
जिसके चलते आवेदक शाम 7 बजे तक कार्यालय के सामने इंतजार करता रहा लेकिन प्रथम अपीलीय अधिकारी के ऑफिस का एसी और पंखा 4 घंटे तक चालू होने के बावजूद वे नहीं पहुंचे। हताश होकर आवेदक दूसरे दिन फिर उसी समय पर पहुंचता है लेकिन कार्यालय में ना होकर कार्यालय का एसी और फैन ऑन कर जिला पंचायत के सभागृह में भरोसे के सम्मेलन की तैयारी में लगे थे।
जनपद पंचायत में लगे सूचना के अधिकार में अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहें, अधिकारी वीवीआइपी ड्यूटी में मस्त हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं जनता जितनी असुविधा हो रही है और जानकारी नहीं मिल पा रही है।
सूचना के अधिकार अधिनियम की हो रही अवहेलना
आवेदक ने जनपद पंचायत से संबंधित अधिकारी भी आवेदकों को सूचना का अधिकार देने में भी रुचि नहीं ले रहे हैं वही प्रथम अपील लगने के बाद भी जिला पंचायत के अधिकारी भरोसे के सम्मेलन में व्यस्त है या कहें इस अधिनियम से उनका कोई वास्ता नहीं है ऐसा प्रतीत होता है।
आम व्यक्तियों का सरकारी अधिकारी भरोसा नहीं जीत पा रहे हैं लेकिन एक तरफ सरकार है कि भरोसे का सम्मेलन कर रही है आखिर यह किसका भरोसा है।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अंतिम व्यक्ति तक न्याय की बात करता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है अधिकारी पलीता लगा रहे सरकार वाहवाही पीट रही है।
