सरकार के एक फैसले से पहलवानी के रिंग में मात खाए बृजभूषण शरण सिंह संन्यासी हो चुके हैं। वो बार-बार कह रहे हैं कि अब उनका कुश्ती की राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या वो अमित शाह से मिल रहे हैं तो उन्होंने साफ कहा- अगर मिले तो कुश्ती की बात नहीं होगी।
नई दिल्ली: मैंने पूरी तरह संन्यास ले लिया है कुश्ती की राजनीति से… ये कहना है बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का। कुश्ती संघ के चुनाव में अपने भरोसेमंद संजय सिंह की जीत के बाद सरकार की तरफ से संघ को भंग कर दिए जाने की घटना ने क्या बृजभूषण को सच में संन्यासी बना दिया? यह सवाल इसलिए बहुत गंभीर इसलिए भी है क्योंकि मीडिया के सामने वो बार-बार जोर देते हुए यही बता रहे हैं कि अब उनका कुश्ती से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि वो अब कुश्ती की बात तक नहीं करना चाहते, अमित शाह से मिलना हुआ तो भी नहीं। मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा, ‘अमित शाह जी हमारी पार्टी के नेता हैं। अगर हम मिलेंगे भी तो कुश्ती की बात नहीं करेंगे।’
बार-बार संन्यास पर दे रहे जोरसवाल है कि क्या अमित शाह ने बृजभूषण शरण सिंह को मिलने को बुलाया है? इस पर कैसरगंज के सांसद ने कहा कि उन्हें अभी अमित शाह की तरफ से बुलावा नहीं आया है और न वो अपनी तरफ से मिलने की प्लानिंग कर रहे हैं, लेकिन अगर मुलाकात हुई तब भी कुश्ती पर कोई बातचीत नहीं होगी। मतलब, पूरा जोर इस बात पर है कि कुश्ती से अब उनका कोई लेना-देना नहीं रहा। ध्यान रहे कि कुश्ती संघ के विघठन के आदेश के बाद बृजभूषण की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो चुकी है।
दंगल में पटखनी खा गए बृजभूषणबृजभूषण शरण सिंह की अपने संसदीय क्षेत्र और आसपास के इलाकों में काफी जबर्दस्त पकड़ मानी जाती है। उन्हें इलाके के धाकड़ नेता के रूप में जाना जाता है। लेकिन कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए वो विवादों में घिरे और उन पर महिला पहलवानों के यौन शोषण तक का आरोप लगा। मामला अभी अदालत में है। इस बीच कुश्ती संघ का चुनाव हुआ तो संजय सिंह ने अध्यक्ष पद पर एकतरफा जीत हासिल कर ली। तभी ओलिंपिक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। वहीं, पूरे प्रकरण में साथ रहे बजरंग पुनिया ने अपना पद्म अवॉर्ड सरकार को लौटा दिया। अब कुश्ती संघ पर हुई कार्रवाई के बाद साक्षी मलिक ने सरकार की सराहना की है। दूसरी तरफ बृजभूषण कुश्ती से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहने पर बार-बार जोर दे रहे हैं।