भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवंस के बैटरी नंबर 5 में डोर नंबर 61 का हाट कोक रांग साइड गिर गया। इसकी वजह से वहां आग लग गई बुधवार की रात 11:30 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना मिलने के बाद कोक ओवंस से ही फायर बैटरी का अमला पहुंचा।
टी.सूर्याराव, भिलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवंस के बैटरी नंबर 5 में डोर नंबर 61 का हाट कोक रांग साइड गिर गया। इसकी वजह से वहां आग लग गई बुधवार की रात 11:30 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना मिलने के बाद कोक ओवंस से ही फायर बैटरी का अमला पहुंचा। जिस पर रात को ढाई बजे काबू पाया। इस दौरान वहां पर लगे महंगे केबल जल गए और बीएसपी को काफी क्षति हुई है । रात के समय कर्मचारियों की संख्या कम होने की वजह से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
संयंत्र के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाने वाले कोक ओवंस की बैटरी नंबर-5 में गलत पुशिंग होने के कारण आग लग गई। कोक ओवंस में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि इंटरलाकिंग सही ढंग से नहीं होने की वजह से कुचिंग कार में गर्म कोक नहीं गिरा। जिसकी वजह से यह घटना हुई। गर्म कोक की वजह से वहां लगा केबल पूरी तरह से जल गया।
निजी कंपनी को दिया गया ठेका
कोक ओवंस बैटरी नंबर-5 में दो वर्ष के लिए रोजी इंटरप्राइजेस को काम दिया गया है। इस ठेका कंपनी की लापरवाही की वजह से ही यह घटना होना बताया जा रहा है। बीएसपी के अफसर भी मामले को दबाते हुए कह रहे हैं कि इस तरह घटना होती रहती है, जबकि आग बुझाने में फायर विकेट को तीन घंटे लग गए।
बीएसपी में थम नहीं रहा है दुर्घटनाओं का सिलसिला
भिलाई इस्पात संयंत्र में अफसरों की लापरवाही कहें या फिर कुछ और। यहां पर दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले ही कोक ओवंस की गैलरी गिर गई थी। अब बीती रात हुई इस घटना के कारण बीएसपी को काफी क्षति उठानी पड़ी है, जिसे नहीं बताया जा रहा है। इसके पूर्व भी कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिसमें बीएसपी को करोड़ों की क्षति हो चुकी है।
दुर्घटनाओं के बाद भी किसी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं
संयंत्र में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी किसी अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है । बताया जा रहा है कि सभी अफसर एक दूसरे को बचाते हुए चल रहे हैं। याद दिला दें कि गैलरी गिरने की घटना को लेकर सेल कारपोरेट आफिस ने बीएसपी प्रबंधन से जवाब मांगा था, जिसे भी नहीं दिया गया । उस पर पर्दा डाल दिया गया। यही नही अफसरों ने तो कर्मचारियों पर दबाव देकर यह हस्ताक्षर करवाकर सेल प्रबंधन को गुमराह करने का प्रयास किया कि गैलरी गिरने की घटना अचानक हुई थी। जबकि घटना के कई माह पूर्व से ही गैलरी जर्जर स्थिति में थी।