Gulab @ durg
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के संपन्न हुए मतदान के बाद कांग्रेस खेमे में चर्चा है कि कई कांग्रेसियों ने भीतरघात किया है। यह परंपरा वैसे बेहद पुरानी है जो दशकों से चली आ रही है। पुष्ट खबरों के अनुसार रिसाली नगर निगम में कुछ पार्षदों और संगठन के लोगों पर कार्रवाई किए जाने की बात अंदर खाने से बाहर आ रही है लेकिन उससे भी बड़ा सवाल कांग्रेस के लिए यह है की खर्च किए जाने के लिए जो राशि जिन व्यक्तियों को दी गई थी और बूथ लेवल तक जो राशि पहुंचाई जानी थी जो नहीं पहुंच पाई उनके लिए कोई बात ही नहीं हो रही है। संगठन के कई कार्यकर्ता दबी जुबान से उनके बारे में बोलने की कोशिश करते हैं लेकिन ऊपर तक पहुंच के चलते उनके खिलाफ खुलकर नहीं बोला जा रहा है। सवाल यहां पर यह है कि भीतरघात करने वाले की संख्या भले ही ज्यादा हो सकती है लेकिन जो राशि निचले लेवल तक नहीं पहुंच पाई उसके बारे में कांग्रेस को चिंतन करना ज्यादा आवश्यक है। उनसे बैठ कर हिसाब ले लिया जाए तो भीतर घात करने वालो पर कार्रवाई की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। संगठन यह समझ जाएगा की चूक कहां पर हुई है। भीतरघात करने वालों ने शायद पहले ही इंगित कर दिया था लेकिन जिन लोगों ने जवाबदारी ली थी उन्होंने कितनी अपनी जिम्मेदारी निभाई इस पर भी मंथन संगठन को करना चाहिए। पिछले विधानसभा चुनाव में मंत्री ताम्रध्वज साहू को 27000 वोटो से विजय प्राप्त हुआ था इस बार यदि जीतते भी हैं तो जीत का अंतर भी बेहद कम रहने वाला है।
आखिर कौन जीतेगा
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा की बात करें तो गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं है। भाजपा के ललित चंद्राकर ने कड़ी चुनौती दी है उन्हें गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के मुकाबले कमतर माना जा रहा था लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं को छोड़कर संगठन के छोटे से छोटे व्यक्ति ने धरातल पर काम किया जिसके चलते उनके पक्ष में माहौल बन गया था, इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता। युवा मतदाताओं ने भी खुलकर वोट दिया है। हालांकि रिसाली नगर निगम क्षेत्र के कांग्रेसी के कहते हैं कि निगम क्षेत्र में हम पीछे रहेंगे लेकिन ग्रामीण में मिले वोट से हम भाजपा को परास्त कर देंगे लेकिन जमीनी हकीकत को जानने वाले लोग कहते हैं कि इस बार ग्रामीण में भी भाजपा ने कड़ी मेहनत की है जिसका परिणाम 3 दिसंबर को मिल जाएगा।