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पहले भाजपाई चिल्लाते थे, लेकिन अब भी सामान्य सभा नहीं कर पा रहे …, एक करोड़ के हाल में आयुष्मान कार्ड बन रहा… अब कमिश्नर पर मेहरबान हो गए हैं भाजपाई!!

Gulab @ Risali

विधानसभा चुनाव आचार संहिता के पहले भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने रिसाली नगर निगम में सामान्य सभा की मांग की थी उसके बावजूद बीते वित्तीय वर्ष में एक बार भी सामान्य सभा नहीं हो पाया है।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में महापौर शशि सिन्हा और सभापति केशव बंछोर से मिलकर आचार संहिता के ठीक कुछ दिन पहले ज्ञापन सौंपकर सामान्य सभा कराए जाने की मांग नेता प्रतिपक्ष शैलेंद्र साहू ने विपक्षी पार्षदों के साथ मिलकर की थी।
इस मामले पर धारा न्यूज ने जब पड़ताल की थी कि सामान्य सभा आखिर क्यों नहीं हो रहा है तब सूत्रों के अनुसार तत्कालीन मंत्री रहे ताम्रध्वज साहू की मंशा नहीं थी कि सामान्य सभा हो, क्योंकि उनके विरुद्ध एन चुनाव के वक्त कोई भी गलत संदेश बाहर आए वह नहीं चाहते थे जिसके कारण संभवत सामान्य सभा नहीं हो सका।

अब लोकसभा सर पर और बीजेपी की सरकार
जारी वित्तीय वर्ष को मात्र ढाई महीने बचे हैं और ऊपर से लोकसभा चुनाव के उदघोषणा आने में ज्यादा वक्त नहीं है उसके बावजूद सामान्य सभा नहीं हो पा रहा है।
वर्तमान में बाजी पलट कर भाजपा के हाथ में आ गई है, सरकार को लगभग एक माह के करीब हो भी चुके हैं। उसके बावजूद सामान्य सभा का कहीं पर भी रत्ती भर चर्चा नहीं है। ऐसा लगता है मानो प्रशासनिक तौर पर अभी भी कांग्रेस की सरकार चल रही है ऐसा प्रतीत होता है।

कमिश्नर पर कारवाई न पहले न अब
निगम कमिश्नर आशीष देवांगन पर भाजपाई लगातार 41 वे पार्षद की संज्ञा कई बार देते रहे, कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप भी भाजपाई लगाते रहे बीते चुनाव में भी उनके खिलाफ कांग्रेस के पक्ष में काम करने का आरोप लगता रहा लेकिन कई राज्य प्रशासनिक अफसरो के तबादले के बावजूद उनका तबादला नहीं हो पाया इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता और दुर्ग ग्रामीण के प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास से धारा न्यूज़ ने जब चर्चा की तो उन्होंने कहा कि “बहुत जल्द उनकी भी बारी आएगी।”
बहरहाल आशीष देवांगन पर भाजपाइयों की चुप्पी बहुत सारे संदेहों को जन्म देती है और सामान्य सभा नहीं हो पाना भी यह दर्शाता है कि अंधे के हाथ बटेर लग गया है।

1 करोड़ का सभागार बनाकर आयुष्मान कार्ड बन रहा
सामान्य सभा का कक्ष 85 लाख से ज्यादा रुपए में बनाया गया है। कक्ष निर्माण की अतिरिक्त यदि और भी नक्काशी की गई है उसको जोड़ दें तो एक करोड़ के ऊपर राशि बैठती है। इसका लोकार्पण भी किया हुआ है लेकिन सभागार को बैठक के लिए कम अन्य कामों के लिए ज्यादा उपयोग किया जाता रहा है कभी आधार अपडेट के लिए कभी आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए तो कभी जन्मदिन मनाने के लिए इसका उपयोग होता रहा है लेकिन जिस चीज के लिए सामान्य सभाकक्ष बना है उस अनुरूप उपयोग आज तक नहीं हो सका, जबकि तत्कालीन मंत्री रहे और क्षेत्र के विधायक ताम्रध्वज साहू द्वारा कई भवन सामुदायिक हाल, मंच निर्माण पर करोड़ों रुपए फूके गए हैं उसकी उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।

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Author: dhaaranews

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