Gulab @ Raipur
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे भाजपाइयों को यकीन ही नहीं है छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बहुमत मिल गया है इसका पूरा श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह है बाबा जी।
जी हां पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर बरकरार थी छत्तीसगढ़िया संस्कृति, परंपराओं को उठाने का काम जारी था इस बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव का पिछले ढाई सालों से जो उठा पटक और विवादित बयान दिया जा रहा था जिससे कांग्रेस हमेशा संकट में आती गई। उनके संभाग के एक विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा उन पर गंभीर आरोप लगाए गए।
इस बीच हाई कमान से भी कोई सलाह मशवरा या कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई ही नहीं की जा रही थी बल्कि बीच में उनके द्वारा पंचायत विभाग से इस्तीफा ही दे दिया गया।
बाबा लगातार सरकार को मुसीबत में डालते रहे।
सरकार किसी की भी आए बाबा बनेंगे मुख्यमंत्री
प्रदेश में यह बयार चल रही थी कि भाजपा अगर 35 सीटों में आती है तो भी सरकार बनाने के लिए बाबा भाजपा से हाथ मिला लेंगे यह चर्चा पूरे प्रदेश में चल रही थी। उनके धुर विरोधी नेता बृहस्पत सिंह द्वारा उन्हें छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे तक करार दिया गया उसके बावजूद कोई अनुशासन का डंडा नहीं चला।
पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय था टिकट वितरण में सिंहदेव का चला है भूपेश बघेल का नहीं अबकी बार कांग्रेस की सरकार आएगी तो बाबा मुख्यमंत्री हो सकते हैं इस तरह की चर्चा आम थी जो लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ रहा था।
कांग्रेस के कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति से जूझ रहे थे ।चुनाव के ठीक बाद उनके द्वारा कहा जाता है कि अगर वे इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे तो आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे उन्होंने इसके पूर्व में इस चुनाव को ही अपना अंतिम चुनाव भी बताया था वे आए दिन विवादित बयान देते रहे और पार्टी को मुसीबत में डालते रहे अपने संभाग में सभी विधायकों को हराने का श्रेय भी यदि किसी को जाता है तो वह बाबा जी हैं और उन्हें ये स्वीकार कर लेना चाहिए।
वे इस चुनाव में कांग्रेस के CM तो नहीं बने लेकिन खलनायक जरूर बन गए। पिछले बार के हुए चुनाव में 40000 वोटो से जीतने वाले विधायक स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव इस बार चुनाव ही हार गए। पूरे प्रदेश में भाजपा कहीं नहीं थी लेकिन कांग्रेसियों द्वारा खेमेबाजी, गुटबाजी कर कई बार दिल्ली जाकर शक्ति प्रदर्शन किया गया बाकायदा फोटो पोस्ट वायरल किए गए। यह दिखाने की कोशिश की गई की हम भूपेश बघेल के आदमी हैं वो बाबा वाला है। कांग्रेस इस उहापोह वाली स्तिथि से उबर नहीं पाई। उनके कट्टर समर्थक कहे जाने वाले छन्नी साहू को टिकट ही नहीं मिला वहीं उनके धूर विरोधी बृहस्पत सिंह की भी टिकट कट गई।