- पार्षद पद से बर्खास्तगी की मांग, आयुक्त ने जांच समिति बनाई
- ₹ 20 लेते हुए कैमरे में हुई थी कैद
नगर पालिक निगम रिसाली के वार्ड क्रमांक 15 मौहारी मरोदा की पार्षद व एम आई सी सदस्य श्रीमती ईश्वरी साहू पर वार्ड क्रमांक- 23 प्रगतिनगर रिसाली के पार्षद धर्मेन्द्र भगत ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्तमान में महतारी वंदन योजना संचालित है, जिसका आवेदन फार्म नगर निगम द्वारा निःशुल्क दिया जा रहा है। महतारी वंदन योजना के साथ अन्य संलग्न किये जाने वाले दस्तावेज जैसे विवाह का प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाण पत्र, परित्यकता प्रमाण पत्र को सत्यापित करने का आवेदकों से 20 रु. प्रति प्रमाण पत्र रिश्वत के रुप में लिया जा रहा है। जबकि शासन की ओर से यह योजना पूर्णतः निःशुल्क है। आवेदक श्रीमती दीपा शर्मा, श्रीमती हेमिन जिन्होने महतारी वंदन का आवेदन फार्म जमा कर दिया है उनसे भी तथा अन्य आवेदकों से भी 20 रु. लिये बिना पार्षद प्रमाण पत्रों को सत्यापित नहीं कर रही है। श्री भगत ने नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त आशीष देवांगन को बीस रुपये के नोटरी के स्टाम्प पत्र के माध्यम से आरोप लगाते हुए श्रीमती ईश्वरी साहू पार्षद वार्ड क्रमांक 15 रिसाली को नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत् बर्खास्त करने की मांग की है।
पैसे के लेन देन की बात को लेकर जब पार्षद ईश्वरी साह का पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो उनके पति ईश्वर साहू ने कहा कि वे व्यस्त हैं। उन्होंने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कोई शौक से दे रहा है तो वे रख लेती है। यह विपक्ष की साजिश हैं।
महिला पार्षद के द्वारा पैसे के लेन देन को लेकर जांच समिति बनाकर विधिवत जांच की जा रही है।
आशीष देवांगन, आयुक्त
शासन की इस योजना में अगर महिला पार्षद के द्वारा लेन-देन की गई है तो मैं इसकी जांच करवाऊंगी।
श्रीमती शशि सिन्हा, महापौर
यह महिला पार्षद और एमआईसी सदस्य पूर्व में भी विवादित रह चुकी है इनके खिलाफ कांग्रेस सरकार में भी घर में अवैध निर्माण को लेकर भाजपा आरोप लगा चुकी है वार्ड के लोग पहले भी इनसे दो-चार होते रहे हैं। इनके खिलाफ महापौर शशि सिन्हा केवल जांच की बात कर रहे है, तो वही पूर्व में भी इनके विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया जा सका था जानकार बताते हैं कि पूर्व में दीवाल खड़ा करने को लेकर उंगली तोड़ दूंगी जैसे बयान भी सामने आए थे इस दौरान उन्हें निगम से कोई नोटिस भी भेजा गया था जिसे फाड़कर फेंक दिया गया था बहरहाल इस बार फिर विवादों में घिर चुकी है। फिलहाल इस मामले पर पार्षद के ऊपर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है ऐसा लगता है मानो कारवाई होते तक ईश्वरी साहू रिसाली महापौर बन जाएगी।